स्वामी विवेकानन्द की शिष्या, सामाजिक कार्यकर्त्ता, स्कूल की संस्थापक तथा आयरिश शिक्षिका थी। जिसका जन्म आयरलेंड में मैरी इसाबेल तथा सेमुअल रिचमंड के यहां हुआ। Sister Nivedita ने अपना बचपन आयरलेंड में बिताया। वह मुलभुत शिक्षा से वंचित लड़कियों को शिक्षित करना कहती थीं। निधन 13 अक्टूबर 1911 दार्जलिंग में हुआ। समाधि लेख पर ” यह सिस्टर निवेदिता हैं जिन्होंने भारत को अपना सर्वस्व दिया।” लिखा हैं।
जन्म वर्ष | 28 अक्टूबर 1867 |
जन्म स्थान | डुंगनोन ( आयरलेंड ) |
बचपन का नाम | Margaret Elizabeth Noble |
माता-पिता | मैरी इसाबेल तथा सेमुअल रिचमंड |
Real Name of Sister Nivedita
Real Name “Margaret Elizabeth Noble” था, जो उनकी नानी के नाम पर ही रखा गया। 25 March 1898 को जब वह ब्रह्मचर्य व्रत में दीक्षित हुई तब Swami Vivekanand ने निवेदिता नाम रखा। निवेदता का अर्थ “ईश्वर को समर्पित” से हैं।
Margaret Elizabeth Noble History
- 1884 में, सत्रह साल की उम्र में अध्यापन का कार्य शुरू किया।
- उत्तरी कलकत्ता के बागबाजार में ,1898 में, लड़कियों का एक स्कूल खोला।
- नर्स और गरीब बच्चों की प्लेग महामारी में सहायता की।
- 1892 में स्वयं का स्कूल शुरू किया।
Swami Vivekanand and Nivedita
जब नवम्बर 1895 में अमेरिका से लन्दन Swami Vivekanand घुमने आये थे, तब Nivedita पहली बार स्वामी जी से मिली। मार्गरेट ने स्वामीजी के कई भाषणों में भाग लिया था। बहुत से पूछे गये प्रश्नों के उत्तरों ने निवेदिता के शंकाओं को दूर किया, जिससे स्वामी जी के प्रति विश्वाश पैदा हुआ।
मार्गरेट के जीवन का सबसे यादगार और पवित्र दिन 25 मार्च 1898 था क्योंकि इसी दिन मार्गरेट ( निवेदिता ) को उसके गुरु स्वामी विवेकानन्द ने उसे ईश्वर तथा भारत की सेवा मे समर्पित कर दिया। स्वामी जी के द्वारा निवेदिता को एक पत्र में लिखा “में आपको स्पष्ट रूप से बता दूँ की अब मुझे विश्वाश हो गया है की भारत के लिए काम करने में आपका एक महान भविष्य हैं।
Sister Nivedita Quotes
Margaret Elizabeth Noble के द्वारा कहे जाने वाले Quotes निम्न हैं –

Sister Nivedita Quotes
मुझे दुःख और संघर्ष और ईश्वरीय आत्म बलिदान पसंद हैं जो हमारा हो सकता हैं।

पूरी दुनिया में महिलाएं मानवता के नैतिक आदर्शों की संरक्षक हैं।

मेरा मकसद आपको सोचना और सोचने पर मजबूर करना हैं … शिक्षा के लक्ष्यों और कार्यों को निर्धारित करना हैं ।

मेरा मानना हैं कि भारत का वर्तमान अपने अतीत में गहराई तक समाया हुआ है, और उसके सामने एक गौरवशाली भविष्य चमक रहा हैं